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एक पुरानी कहानी

घर की उस पुरानी अलमारी  में 

राखी  एक  गुल्लक  पुरानी

गुल्लक  की  चवन्नी  से  खरीदे 

कुछ  सपने  पुराने ,

सपनो  की  सच्चाई  ने  तारूफ  कराया ,

अपनी  मंजिल  से,

मंजिल  पहुंचे  तो  सामने  आप  थे 

आपकी  तफ्दीस  में   गुर्जर  थे  जो  लम्हे 

तारीखे  बदल  गए ,और  हम  वही  रह  गए ,

जज्बा था सिर्फ इंतज़ार का,

जो इम्तेहान इ वक़्त ऐसा गुजरा ,

की कोशिश ने आपको कायल कर दिया 

हमारी सख्शियत का ,

शुक्र है उस रब का जो आपसे रूबरू कराया,

भर गयी फिर गुल्लक अनमोल यादो से,

घर की उस पुरानी अलमारी  में |


 



 

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3 Comments

Kumawat Meenakshi Meera

25-May-2021 12:13 PM

Bahut sundar

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Satesh Dev Pandey

22-Mar-2021 09:32 AM

बहुत सुन्दर प्रस्तुति

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Manish Kumar(DEV)

01-Feb-2021 04:45 PM

Nice

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